सूबे के प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण हॉर्टिकल्चर कॉलेज में शुरू
नूरसराय । पुतूल सिंह
बामेति, पटना के सौजन्य से नालन्दा उद्यान महाविद्यालय नूरसराय के परिसर में सूबे के प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों का फल व सब्जी फसलो की कटिंग,बडिंग व ग्राफ्टिंग में उपयोगी औजार व यंत्र विषय पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण मंगलवार से शुरू किया गया। इस प्रशिक्षण में राज्य के 37 जिलों से एक एक और नालन्दा जिले के तीन प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों सहित कुल 40 पदाधिकारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के सह अधिष्ठाता व प्राचार्य डॉ. पंचम कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
प्राचार्य डॉ. पीके सिंह ने बताया कि फलों व सब्जी के फसलों में जो भी यंत्र और औजार का उपयोग किया जाता है उसके स्किल और नॉलेज होना जरूरी है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आप सभी को यंत्र और औजार के बारे में थ्योरी और प्रायोगिक रूप से बताया जायेगा। डॉ. सिंह ने कहा कि आज जहां देशी साधारण बीजों से सब्जी तथा फलों के उत्पाद में कमी आ रही है। इसे हम कलम विधि द्वारा इस कमी को पूरा कर सकते हैं और अधिक पैदावार ले सकते हैं। इतना ही नहीं इस विधि द्वारा हम एक ही पौधे से दो अलग-अलग प्रकार की सब्जी या फल ले सकते हैं। यानी की ‘‘एक पंथ दो काज’’ दुगना फायदा। अत: वर्तमान में सब्जी उत्पादन को बढ़ाने हेतु नये आयामों का प्रयोग करना आवश्यक है।
जिसमें कलम विधि के प्रयोग से हम एक पौधे से दो अलग प्रकार की सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं, जैसे आलू के पौधे से कलम विधि द्वारा टमाटर व आलू प्राप्त करना। ग्राफ्टिंग, कलम विधिद्ध एक बागवानी तकनीक है, जिसमें पौधों के ऊतकों को शामिल किया जाता है। वहीं कार्यक्रम के सदस्य डॉ. मणिकांत प्रभाकर ने कहा कि ज्ञान भी एक बड़ा औजार है।अपने ज्ञान का उपयोग कर सम्मलित रूप से जो सार आयेगा वहीं इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है। मौके पर डॉ. मनीष दत्त ओझा, पाठ्यक्रम समन्यवयक प्रीति सिंह, सह समन्यवय निशा कुमारी,डॉ. कंचन भामिनि,डॉ. सीमा,डॉ. महेश कुमार, डॉ. सरदार सुनील सिंह, डॉ.संजय कुमार सहित अन्य मौजूद थे।