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जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजा जाना समस्त बिहारवासियों के लिए सम्मान – आरसीपी सिंह



जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से नवाजा जाना समस्त बिहारवासियों के लिए सम्मान – आरसीपी सिंह

बिहार शरीफ। नालंदा

गिरिजा धाम , मुस्तफापुर में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर जी का जन्म जयंती मनाया गया। इस मौके पर भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री सह भाजपा नेता श्री आरसीपी सिंह ने कर्पूरी ठाकुर के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन करते हुए कहा कि आज का दिन भारत के लिए बहुत ही गौरवशाली क्षण का दिन है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर जी को भारत सरकार ने भारत रत्न से नवाजा है। बिहार के दूसरे सपूत श्री कर्पूरी ठाकुर जी बन गए हैं जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया है , इसके पहले 1962 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी को भारत रत्न से नवाजा गया था। बिहार के जितने भी श्री कर्पूरी ठाकुर जी के अनुयायी हैं सभी प्रसन्न हैं। मैं अपनी एवं कर्पूरी जी के जितने भी अनुयायी, शुभचिंतक हैं उनके तरफ से माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं उन्होंने , हमलोग जो आज कर्पूरी जी का जन्मशताब्दी वर्ष मना रहे हैं इस खास मौके पर समस्त बिहारवासियों को एक अनूठा तोहफा भारत रत्न के रूप में दिया है।               

राजद एवं कांग्रेस पर हमला करते हुए श्री आरसीपी सिंह ने कहा कि यदि इनलोगों का सही सोच व प्रयास होता तो श्रद्धेय कर्पूरी जी को पहले ही भारत रत्न मिल गया होता , जबकि केंद्र में दस सालों तक मनमोहन सिंह जी की सरकार थी। प्रधानमंत्री मोदी जी का जितनी प्रशंसा किया जाय वो कम है , विपक्षी पार्टियों को भी ये मानना पड़ेगा प्रधानमंत्री जी का को निर्णय है ना वो बिल्कुल खासकर जो गरीब गुरबा हैं उनका सम्मान बढ़ाना है।

जदयू और राजद द्वारा अलग अलग जयंती समारोह मनाए जाने पर आरसीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि दोनों पार्टी की तासीर मिलती नहीं, दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के विचार किसी प्रकार से मिलते नहीं, दोनों पार्टी के जो शीर्षस्थ हैं उसमें एक की इच्छा देश के प्रधानमंत्री बनने की है तो दूसरे की इच्छा अपने पुत्र को जल्दी से बिहार के मुख्यमंत्री बनाने की है। स्वाभाविक है कहीं भी उनके विचार में , कार्यक्रम में सामंजस्य नहीं है तो अनेकों जगह अलग दिखेंगे ही और सच कहूं तो वेलोग अलग हैं हीं। आगे विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाए गए इंडिया गठबंधन से ममता बनर्जी द्वारा बंगाल में अकेले चुनाव लडने के सवाल पर कहा कि इनलोगों ने ईर्ष्या, डाह और जलन के चलते एक साथ आकर गठबंधन बनाया था कि कैसे प्रधान मंत्री मोदी जी को सत्ता से तीसरी बार बनने से रोका जाय ।

मैने पहले ही कहा था कि इनलोगों के पास कोई सकारात्मक सोच नहीं था की देश के सामने कौन सी वैकल्पिक शासन व्यवस्था देना चाहते हैं। देश की जनता ने पिछले दस वर्षों से देखा है कि किस तरह से मोदी जी ने जनता के लिए काम किया है इनके सामने विपक्ष के लोग कहां से चुनौती दे पाएंगे, कौन नेता सामने आएंगे सबके मन में तो अपने अपने प्रधानमंत्री बनने की होड़ लगी है। मोदी जी भारतीय जनता पार्टी एवं एनडीए का नेतृत्व कर रहे हैं उनका मकसद भारत देश की पहचान बढ़ाना है, विकसित देश बनाना है। उधर के नेता लोग को बस अपने परिवार को बढ़ाना है वंशवाद को बढ़ाना है यही सोचा है, देश से मतलब ही क्या है, बहुत सारे लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उन्हें लगता है कि यदि मोदी जी की सरकार रह गई तो उन्हें आगे बहुत परेशानियों को झेलना पड़ेगा। जयंती सभा में डॉ बिपिन कुमार यादव , मुन्ना सिद्दीक़ी ,अनिल पटेल ,विषण कुमार बिट्टू ,माणिक चंद कुशवाहा , डॉ अशोक प्रियदर्शी ,जमिल शाह , धर्मवीर कुमार ,संजय सिन्हा ,कपिल प्रसाद , अमितेश पटेल , अनुज कुशवाहा , तिनकु शर्मा , सतेन्द्र विश्वकर्मा , पवन कुमार , भूषण प्रसाद ,संतोष पांडेय ,रजनीश कुमार आदि मोजूद थे।





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