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बेल वृक्ष में माता पार्वती और भगवान शिव के अलावे कई देवी देवताओं का है वास



बेल वृक्ष में माता पार्वती और भगवान शिव के अलावे कई देवी देवताओं का है वास

सिटी स्टार्स  ।  डेस्क

धार्मिक ग्रंथों की मानें तो जितना महत्व भगवान शिव का है बेल वृक्ष का भी उतना ही महत्व है। बताया  जाता है कि इसमें माता पार्वती और भगवान शिव के अलावे कई देवी देवताओं का वास होता है। बेल वृक्ष का  बेलपत्र पवित्र पत्तों में से एक है जिसका इस्तेमाल पूजा – पाठ में किया जाता है। शिवपुराण के अनुसार इस दिव्य वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व बताया गया है।  बेल के पत्ते यानि कि बेलपत्र शिवलिंग पर  चढ़ाने से भगवान शिव मनुष्य के सभी कामनाओं की पूर्ति करते हैं। आज के इस लेख में हम बेल पेड़ से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानेंगे।     

शिवपुराण के अनुसार इस पेड़ में माता लक्ष्मी का वास होता है और इसकी पूजा करने से दरिद्रता और गरीबी दूर का नशा है। इसके साथ हीं बेल वृक्ष  लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बेल पेड़ के स्पर्श और दर्शन मात्र से मनुष्य के सभी पाप दूर होते हैं। बिल्वाष्टक स्तोत्र में यह वर्णन है कि बेल वृक्ष के दर्शन और स्पर्श मात्र से हीं पापों का नाश होता है। भगवान शिव को एक बेलपत्र चढ़ाने से  पापों से मुक्ति मिलती है।
“दर्शनं बिल्ववृक्षस्य स्पर्शनं पापनाशनम्, अघोरपापसंहारं एक बिल्वं शिवार्पणम्” ।

शिवपुराण के अनुसार सोमवार को बेलपत्र तोड़ना वर्जित है साथ ही बेलपत्र तोड़ते वक्त यह हमेशा ध्यान दें कि टहनी या डाली न टूटे इससे पाप चढ़ता है। बताया गया है कि रविवार और द्वादशी के दिन बेल पेड़ की पूजन करने से ब्रह्महत्या जैसा महा पाप से लोगों को मुक्ति मिलती है। सुखी जीवन के लिए घर में बेल  का पेड़ जरूर लगाएं । घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में  बेल का पेड़ लगाने से यश की प्राप्ति होती है। उत्तर-दक्षिण में लगाने से सुख शांति की प्राप्ति होती है और मध्य में लगाने से जीवन में मिठास आती है। मृतक के शव को बेल पेड़ की छाया से ले जाया  जाता है, इससे मोक्ष एवं शिवलोक की प्राप्ति होती है।  वहीं पितरों  के आशीर्वाद और पितृदोष से मुक्ति के लिए बेल पेड़ में नियमित रूप से  लोग जल अर्पित करते हैं।

माँ पार्वती के पसीने से हुई बेल वृक्ष की उत्पति

बेल पेड़ की उत्पत्ति माँ पार्वती के पसीने से हुई थी। यही कारण है कि इस पेड़ में मां पार्वती के सभी रूपों का वास होता है। बेल पेड़ के जड़ में गिरजा, तनों में माहेश्वरी, शाखाओं में दक्षिणायनी, पत्तियों में मां पार्वती, फलों में कात्यानी, फूलों में गौरी और बेल के समस्त पेड़ में मां लक्ष्मी जी निवास करती हैं। शिवपुराण के अनुसार बेल पेड़ लगाने से वंश में वृद्धि होती है एवं इस पेड़ को काटने से मनुष्य समस्त दुखों और पापों से घिरने लगता है  और उसके वंश का नाश होता है। बेल पेड़ के नीचे शिवलिंग या शिव पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
मौजूद थें।
 
 




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